दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया
तुझसे भी दिलफ़रेब हैं, ग़म रोज़गार के
दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के
वो जा रहा है कौन शबे-ग़म गुज़ार के
बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला
- बशीर बद्र
जब सूरज भी खो जाएगा, और चाँद कहीं सो जाएगा
तुम भी घर देर से आओगे, जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
- सईद राही
न समझने की ये बातें हैं न समझाने की
ज़िंदगी उचटी हुई नींद है दीवाने की
- फिराक़
ढूँढ़ने निकला था तुझको और ख़ुद को खो दिया
तू ही अब मेरा पता दे, ज़िंदगी ए ज़िंदगी
- ज़क़ा सिद्दीक़ी
जो पराई पीर में नीरज बहा
अश्क का कतरा वही गंगा हुआ
- नीरज गोस्वामी
फूल की ख़ुशबू वफ़ा की बात से मतलब नहीं
वो तो पत्थर है, उसे जज़्बात से मतलब नहीं
- इब्राहीम अश्क
मिलना था इत्तफ़ाक, बिछड़ना नसीब था
वो इतनी दूर हो गया, जितना करीब था
तुमसे मिले ज़माना हुआ फिर भी लगे
जैसे तुम मिलके गए अभी-अभी
दिल को सुकून रूह को आराम आ गया
मौत आ गई कि यार का पैग़ाम आ गया।
फिर मेरी आँख हो गई नमनाक
फिर किसी ने मिज़ाज पूछा है
ऐ काश वो भी ऐसे में आ जाए अचानक
मौसम बहुत दिनों में सुहाना हुआ तो है - अज़ीज़ अंसारी
आग़ाजे़-आशिक़ी का मज़ा आप जानिये
अंजामे-आशिक़ी का मज़ा हमसे पूछिये
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख के जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख के जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
उसके तसव्वुरात में खोया हुआ हूँ मैं
वो भी मेरे ख्याल में डूबा हुआ तो है
सारी बस्ती सुला के आई है
ऐसा लगता है जैसे याद उसकी
सारी दुनिया भुला के आई है
- अज़ीज़ अंसारी